स्वयंसेवक

प्रेरणा सेवा ट्रस्ट से जुड़ें

प्रेरणा सेवा ट्रस्ट से स्वयंसेवक के रूप में जुड़ें और भोपाल के हमीदिया अस्पताल में हजारों गरीब और असहाय मरीजों व उनके परिवारों के लिए उम्मीद, देखभाल और सम्मान का संदेश बनें।

चाहे भोजन वितरण में मदद करना हो, चिकित्सा सहायता प्रदान करना हो, या सामाजिक कल्याण गतिविधियों में भाग लेना हो — आपका समय और सहानुभूति एक वास्तविक बदलाव ला सकती है। इसके लिए किसी खास कौशल की जरूरत नहीं, सिर्फ एक दयालु दिल और सेवा की इच्छा चाहिए।
किसी सार्थक मिशन का हिस्सा बनें और एक-एक जीवन को बेहतर बनाने में हमारा साथ दें।

सदस्यता पात्रता सूचना

प्रेरणा सेवा ट्रस्ट में हम मानते हैं कि सच्ची प्रतिबद्धता निरंतर सेवा से झलकती है। जो व्यक्ति न्यूनतम 2 वर्षों तक ट्रस्ट के साथ सक्रिय रूप से सेवा कार्य में लगे रहे हैं, उन्हें कोर कमेटी की सिफारिश पर सदस्यता के लिए पात्र माना जाएगा। यह हमारी ओर से उन समर्पित लोगों के प्रति सम्मान है, जो सेवा और करुणा की इस यात्रा में हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं।

सदस्यता फॉर्म


ट्रस्ट बोर्ड

प्रेरणा सेवा ट्रस्ट

श्रीमती प्रकाश खनूजा

संरक्षक

श्रीमती रश्मि बावा

अध्यक्ष

श्री प्रमोद चुघ (मोदी)

उपाध्यक्ष

श्रीमती कमलदीप सलूजा

सचिव

श्रीमती पिंकी सहोता

सह-सचिव

श्री विजय कुमार जैन

कोषाध्यक्ष

श्री श्याम किशोर शुक्ल

ट्रस्ट सदस्य

श्री दलवीर सिंह अरोरा

ट्रस्ट सदस्य

श्री जयप्रकाश विजयवर्गीय

सह-सचिव

श्री विजय कुमार जुनेजा

ट्रस्ट सदस्य

श्रीमती ललिता खाब्या

ट्रस्ट सदस्य

सक्रिय सदस्य

प्रेरणा सेवा ट्रस्ट

श्री शिव मंगल सिंह

श्री ताराचंद जैन

श्री कन्हैयालाल गोदानी

श्री शिव मोहन माथुर

श्री जगजीत सिंह

श्रीमती रेनू गुप्ता

श्रीमती चेतन विजयवर्गीय

श्रीमती अंजू मलिक

श्रीमती अंचला माथुर

श्रीमती कविता छाबड़ा

प्रशंसापत्र

स्वर्गीय श्री दयाल सिंह सलूजा के साथ 1994 में प्रेरणा सेवा ट्रस्ट की स्थापना से पहले भी मैं सामाजिक सेवा के प्रति समर्पित थी। प्रारंभिक दिनों में हम हमीदिया अस्पताल के मरीजों की सहायता के लिए घर-घर जाकर चंदा इकट्ठा करते थे। हमने रक्तदान शिविरों का आयोजन किया, ज़रूरतमंदों के लिए दवाइयों और भोजन जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की व्यवस्था की, और फहमीदा व इंदिरा जैसी गंभीर मरीजों की सर्जरी में सहयोग किया। ट्रस्ट को एक संगठित रूप देने का विचार जलने वाले वार्डों के दौरे के दौरान आया। कोविड-19 के दौरान मैंने घर से ही हजारों मास्क सिलकर ट्रस्ट को दिए। आज भी मैं बच्चों के लिए स्वेटर और फ्रॉक बनाती हूँ। सेवा से मुझे गहन शांति मिलती है, और मेरा मानना है कि अपने समय व संसाधनों का एक भाग दूसरों की भलाई में लगाने से ही जीवन में सच्चा संतुलन और संतोष आता है।
प्रकाश खनूजा
संरक्षक
प्रेरणा सेवा ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य के रूप में, जिसकी स्थापना 1994 में हुई थी, मैंने शिक्षा के क्षेत्र में 35 वर्षों से भी अधिक समय समर्पित किया है। मैं एक काउंसलर और डर्मेटोग्लाइफिक्स विशेषज्ञ भी हूँ — यह एक विज्ञान है जो उंगलियों के निशानों के माध्यम से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को समझता है।सामाजिक सेवा बचपन से ही मेरा जुनून रही है। मेरी यह यात्रा सरदार दयाल सिंह सलूजा (पापा जी) के साथ जुड़ने से शुरू हुई, और तब से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इन 31 वर्षों में अनगिनत क्षणों ने मुझे गहराई से प्रभावित किया है — इतने कि एक पुस्तक लिखी जा सकती है।मेरा सपना है कि हम अपनी सेवाओं को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएँ और समाज में एक ऐसा बदलाव लाएँ जहाँ हर व्यक्ति वंचितों की मदद के लिए प्रेरित हो। हम सौभाग्यशाली लोगों से आग्रह करते हैं कि वे संसाधनों या समय के माध्यम से योगदान दें, ताकि करुणा और सहानुभूति जीवन का स्वाभाविक हिस्सा बन जाए।
रश्मि बावा
अध्यक्ष
मैं पापा जी की बहू हूँ। मेरे ससुर, प्रेरणा सेवा ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य और संरक्षक थे, जिनका जीवन का एकमात्र उद्देश्य था — निर्धनों और जरूरतमंदों के लिए निरंतर सेवा करना। संसाधनों की कमी होने के बावजूद वे कभी पीछे नहीं हटे। वे गंभीर रूप से बीमार हमीदिया अस्पताल के मरीजों की मदद के लिए लोगों के दरवाज़े-दरवाज़े जाकर आर्थिक सहायता माँगते थे। प्यार, करुणा और सहानुभूति से भरे हुए उनके हृदय ने उन्हें दूसरों के लिए एक आदर्श बना दिया। उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों से समर्पित कार्यकर्ताओं की एक ऐसी टीम तैयार की, जो उनके दिखाए मार्ग पर चल सके और उनकी विरासत को आगे बढ़ा सके। उनकी आत्मा आज भी हमीदिया अस्पताल परिसर में बसती है, क्योंकि उन्होंने अपने शरीर के सभी अंग हमीदिया अस्पताल को दान कर दिए थे। उनके निधन के बाद उनकी आँखें, त्वचा और शरीर का भी दान किया गया। आज, प्रेरणा सेवा ट्रस्ट की सचिव के रूप में, मैं उनके कार्यों को आगे बढ़ा रही हूँ।
कमलदीप सलूजा
सचिव
मैंने मध्यप्रदेश के जनगणना संचालन निदेशालय से दशकों की समर्पित शासकीय सेवा के उपरांत सेवानिवृत्ति प्राप्त की। मुझे यह गौरव प्राप्त हुआ कि भारत के राष्ट्रपति द्वारा 'विशिष्ट सेवा सम्मान' से सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्ति के बाद मैंने जबलपुर में राज्य बार काउंसिल में पंजीकरण कराया ताकि व्यावसायिक रूप से योगदान जारी रख सकूं।जुलाई 2008 में मेरी प्रेरणा सेवा ट्रस्ट से यात्रा शुरू हुई, जो ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय श्री मदन लाल सुराना जी से प्रेरित थी। उनका समर्पण, विनम्रता, अनुशासन और सेवा भावना मेरे मार्गदर्शक सिद्धांत बन गए।वर्तमान में, मैं ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहा हूँ और वित्तीय व लेखा संबंधी जिम्मेदारियों का पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ निर्वहन कर रहा हूँ। ट्रस्ट की निःस्वार्थ सेवा और ईमानदार शासन की संस्कृति से मैं गहराई से जुड़ा हुआ हूँ और निरंतर प्रेरित होता हूँ।
विजय कुमार जैन
कोषाध्यक्ष
मैं जिला न्यायाधीश के पद से सेवा निवृत होने के पश्चात वर्ष 2018 से निरंतर ट्रस्ट मे सेवा कर रहा हूँ. मैं जरूरत मंदो की बेहतर सेवा के लिए किसी संस्था से जुड़ना चाहता था, इसलिए तलाश करने पर प्रेरणा ट्रस्ट द्वारा मरीजों एवं उनके परिजनों के लिए की जा रही सेवाएं देख कर मैं बहुत प्रभावित हुआ और तभी से निरंतर ट्रस्ट से जुड़ कर सेवा कर रहा हूँ. इस ट्रस्ट की विशेषता है कि यहाँ सेवा हेतु सदस्य बनने के लिए कोई प्रक्रिया या ओपचरिकता नहीं है. कोई भी आकर सेवा कर सकता है. इसलिये यहाँ सेवा करने का पूरा अवसर मिलता है. इस ट्रस्ट से जुड़ कर मेरे जीवन की दूसरी पारी भी सार्थक हो गई. परमात्मा से यही प्रार्थना है कि अंतिम सांस तक सेवा करता रहूँ.
शिव मंगल सिंह
सदस्य
मैं ताराचंद जैन, पिछले 12 वर्षों से 'प्रेरणा सेवा ट्रस्ट में सक्रिय सदस्य' के रूप में सेवा दे रहा हूं . पीड़ित मानवता की सच्ची सेवा प्रेरणा सेवा ट्रस्ट कर रहा है, इससे अच्छा सेवा का माध्यम कोई और नहीं है, ट्रस्ट की समर्पित एवं पारदर्शी सेवा व्यवस्था से अत्यधिक प्रभावित हूं . मेरी सेवा निवृति पश्चात जीवन यात्रा प्रेरणा सेवा ट्रस्ट ने खुशियों से भर दी है. मरते दम तक ट्रस्ट. की सेवा करता रहूं यही ईश्वर से प्रार्थना है.
ताराचंद जैन
सदस्य
मैं पिछले 12 वर्षों से प्रेरणा सेवा ट्रस्ट से जुड़ा हुआ हूँ। विद्युत मंडल से सहायक अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हुआ हूँ। मेरे पड़ोसी श्री विजय कुमार की सेवा भावना को देखकर मैं ट्रस्ट से जुड़ने के लिए प्रेरित हुआ। वर्तमान में मैं ट्रस्ट की विभिन्न सेवा गतिविधियों में सक्रिय रूप से जुड़ा हूँ, जिनमें भोजन वितरण, एम्बुलेंस सेवा, ट्रस्ट के रसोईघर का संचालन तथा कार्यालय स्थापना से संबंधित कार्य शामिल हैं। सेवा के प्रति मेरी गहरी रुचि और समर्पण ने मुझे ट्रस्ट से निरंतर जोड़े रखा है। ट्रस्ट के संस्थापक सदस्यों में से एक और मार्गदर्शक, श्री श्याम किशोर शुक्ला जी की सेवा भावना और प्रेरणा ने मुझे अत्यंत प्रभावित किया है। मेरा उद्देश्य है कि इस मूल्य-आधारित सेवा के मिशन को आगे बढ़ाऊँ और अधिक से अधिक लोगों को इस राह पर चलने के लिए प्रेरित कर सकूँ।
कन्हैयालाल गोदानी
सदस्य
सहायक प्रबंधक/अभियंता (सिविल) के पद से सेवानिवृत्ति के बाद, मैं वर्ष 2014 से अंशकालिक रूप से और 2024 से पूर्णकालिक रूप से प्रेरणा सेवा ट्रस्ट से जुड़ा हूँ। वर्तमान में, मैं ट्रस्ट के कार्यालय एवं रसोई भवन की साफ-सफाई और रखरखाव, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का प्रबंधन, ट्रस्ट की गतिविधियों का प्रचार-प्रसार, नवाचारों की पहल और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के अंतर्गत परियोजनाओं के निर्माण की जिम्मेदारी निभा रहा हूँ। सन् 1985 में, जब मेरी माता जी पक्षाघात से पीड़ित हुईं, तब मुझे हमीदिया अस्पताल के वार्ड नं. 5 (मेडिकल) में एक माह तक रहने का अवसर मिला। उस समय मैंने वहाँ भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को होने वाली कठिनाइयों को नज़दीक से देखा और समझा। तभी से अस्पतालों में सेवा के प्रति मेरे मन में गहरा समर्पण भाव उत्पन्न हुआ। भविष्य में ट्रस्ट के लिए मेरे अनेक सपने हैं, जिन्हें मैं पूरे समर्पण के साथ साकार करना चाहता हूँ। मैं आधुनिक तकनीकों को अपनाकर नई सेवाओं की शुरुआत करने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। प्रेरणा सेवा ट्रस्ट का हिस्सा होना मेरे लिए गर्व की बात है।
शिव मोहन माथुर
सदस्य
एक भारतीय गृहिणी के रूप में, मैं वर्ष 2011 से प्रेरणा सेवा ट्रस्ट से जुड़ी हुई हूँ। परिवार और समाज के लिए सेवा कार्यों में योगदान देने की मेरी गहरी इच्छा थी, और ट्रस्ट इसके लिए एक आदर्श माध्यम बना। ट्रस्ट द्वारा जो भी जिम्मेदारी मुझे सौंपी गई — चाहे वह भोजन वितरण हो, रसोई संचालन, दान में प्राप्त कपड़ों का सुव्यवस्थित प्रबंधन, स्वच्छता सुनिश्चित करना या सुबह-सुबह चाय और नाश्ते का वितरण — मैंने हर कार्य को पूरी निष्ठा से निभाया। मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ कि मुझे ट्रस्ट के सभी संस्थापक सदस्यों — स्वर्गीय श्री दयाल सिंह सलूजा (पापा जी), श्री श्याम किशोर शुक्ला (बाबूजी), और स्वर्गीय श्री मदन लाल सुराना — से स्नेह, मार्गदर्शन और प्रेरणा मिली। उनकी सेवा भावना और करुणा ने मुझे गहराई से प्रभावित किया, विशेष रूप से गरीब और रोगग्रस्त लोगों के प्रति उनका समर्पण मेरे मन को छू गया। अपने पति और परिवार के सहयोग से मैं ट्रस्ट के कार्यों में समय दे पाई, जिससे मेरे जीवन में एक संतुलन और सादगी का भाव आया। मैं देहदान के प्रति संकल्पबद्ध हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि जब तक जीवन है, मैं वंचितों की सेवा करती रहूँ।
अंचला माथुर
सदस्य

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प्रेरणा सेवा ट्रस्ट में स्वयंसेवक बनें और भोपाल के हमीदिया अस्पताल में हजारों गरीब मरीजों और परिवारों को आशा, देखभाल और सम्मान देने वाले मिशन का हिस्सा बनें। चाहे भोजन वितरण में मदद करनी हो, चिकित्सा सहायता प्रदान करनी हो, या सामुदायिक कल्याण गतिविधियों में भाग लेना हो — आपका समय और करुणा असली बदलाव ला सकती है। किसी विशेष कौशल की जरूरत नहीं है—सिर्फ एक दयालु दिल और सेवा की इच्छा चाहिए। कुछ सार्थक का हिस्सा बनें और हमसे मिलकर एक-एक जीवन में फर्क डालें।